Balaji Wafers Founder Chandubhai Virani Success Story : कहते हैं अगर आप मेहनत करते हैं तो आपको सफलता जरूर मिलती है आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने छोटी सी नौकरी से शुरू कर हजारों करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है आज हम आपसे जिसकी बात करें उनका नाम चंदूभाई विरानी (Chandubhai Virani) हैं। वे बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड (Balaji Wafers Pvt. Ltd) के फाउंडर है तो फिर आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी…
चंदूभाई विरानी (Chandubhai Virani) का जन्म गुजरात के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने राजकोट में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और एग्रीकल्चर यंत्रों का बिजनेस 20 हजार रुपये से शुरू किया था लेकिन उनका यह कारोबार अधिक वक्त तक नहीं चला।
आर्थिक परिस्थिति सुधारने के लिए की नौकरी
चांदूभाई ने अपनी फैमिली की आर्थिक परिस्थिति को सुधारने के लिए छोटी – मोटी नौकरी भी की। वे एक सिनेमाघर में वे सीटों की मरम्मत करते थे और कंपनी के पोस्टर चिपकाने और थिएटर में स्नैक्स बेचने जैसे कई काम करते थे। चांदूभाई को इसके लिए 1000 रूपये महीना मिलता था। वे इससे खुश नहीं थे और अपना कुछ शुरू करना चाहते थे।
ऐसे शुरू किया कारोबार
उन्होंने लोगों की डिमांड को समझा और बिजनेस करने का जोखिम उठाया। इसके लिए उन्होंने अपने घर में ही एक अस्थायी शेड बनाया और 10,000 रुपये के मामूली निवेश के साथ चिप्स का बिजनेस शुरू कर दिया। लोगों ने इस चिप्स को थिएटर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर खूब पसंद किया।
उन्होंने इस सफलता के बाद बड़ा जोखिम लिया और 1982 में बैंक से 1.5 लाख रु का कर्ज लिया और अपनी फैक्ट्री खोलनी की तैयारी की। राजकोट के आजी जीआईडीसी में गुजरात की सबसे बड़ी आलू वेफर फैक्ट्री खोलने के दौरान, उन्होंने बैंक से कुल 1 करोड़ रुपये का लोन लिया। चंदूभाई और उनके भाइयों ने अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद 1992 में बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की।
करोड़ों का टर्न ओवर
आज तक की एक खबर के मुताबिक, मौजूदा वक्त में चंदूभाई वियानी (Chandubhai Virani) की बालाजी वेफर्स एक बड़ी कंपनी बन चुकी है, जो भारत के लगभग 43,800 करोड़ रुपये के स्नैक्स मार्केट का 12 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता हैं। कंपनी का पिछले साल मार्च में टर्नओवर लगभग 5000 करोड़ रुपये था।
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